मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना
योजना परिचय
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना राज्य सरकार द्वारा वित्त-पोषित योजना है जिसके अंतर्गत
रोजगारोन्मुखी राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप युवाओं हेतु कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालन
करना है।
योजना का उद्देश्य
विभिन्न विभागों द्वारा संचालित की जा रही कौशल संवर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में
राष्ट्रीय मानकों के अनुसार (नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क अन्तर्गत) प्रमाणीकरण,
एकरूपता लाते हुए प्रशिक्षण में गुणवत्ता एवं रोजगार अवसर में वृद्धि लाना हैं। एवं
मांग अनुसार ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करना जिसकी पूर्ति परम्परागत आई.टी.आई.
पाठ्यक्रमों से करना संम्भव नहीं हैं।
योजना का भौतिक लक्ष्य
वर्ष 2017-18 से प्रतिवर्ष 2.50 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया जायेगा
लक्ष्य समूह
- औपचारिक शिक्षा प्रणाली को छोडे़ हुए युवा
- ऐसे व्यक्ति जो अपना कौशल विकसित कर रोजगार/स्वरोजगार चाहते हैं।
- ऐसे व्यक्ति जो अपने कौशल को बढाना चाहते हैं।
- ऐसे कामगार जो अपने अनौपचारिक कौशल का प्रमाणीकरण चाहते हैं।
- महिलाऐं और अन्य वंचित समूह।
- नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं को आवासीय प्रशिक्षण।
- विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अध्र्द घुमक्कड़ वर्ग के युवा।
योजना में भाग लेने की पात्रता
- 15 साल से अधिक उम्र के महिला या पुरूष।
- एनएसक्यूएफ पाठ्यक्रमों के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रमों के तहत न्यूनतम
शैक्षणिक योग्यता आवश्यक है ।
- आधार नंबर होना अनिवार्य है।
पात्रता हेतु आवश्यक दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- शैक्षणिक योग्यता का प्रमाण पत्र
- आवास प्रमाण प्रत्र
- आय प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र (केवल आरक्षित वर्ग के युवाओं हेतु)
- दिव्यांगता प्रमाण पत्र (केवल दिव्यांग युवाओं हेतु)
पंजीकरण की प्रक्रिया
- प्रवेश के लिये प्रत्येक पाठ्यक्रम हेतु निर्धारित शैक्षणिक योग्यता के आधार पर मैरिट
के अनुसार प्रशिक्षणार्थियों के ऑन-लाईन चयन की कार्यवाही की जायेगी।
- प्रशिक्षणार्थियों द्वारा पोर्टल पर पंजीकरण किया जायेगा। आधार संख्या का उपयोग केवल
यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि एक उम्मीदवार इस योजना के दौरान एक से
अधिक बार पंजीकरण नहीं
करें। प्रशिक्षण प्रदाता
उम्मीदवार के आधार पंजीकरण के लिए सहायता प्रदान करेगी।
प्रशिक्षण शुल्क जमा
प्रशिक्षण कार्यक्रम नि:शुल्क है। सम्पूर्ण वित्तीय भार शासन द्वारा वहन किया जाएगा।
प्रशिक्षण अवधि
प्रशिक्षण की अवधि सामान्यतः 15 दिवस से लेकर 9 महीने (लगभग 100 से 1200 घंटे) तक होगी।
योजना के प्रस्तावित सेक्टर व लक्ष्य
योजना का क्रियानवयन हेतु पात्र संस्थान
- शासकीय संस्था – आईटीआई, कौशल विकास केंद्र, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज, कृषि
इंजीनियरिंग कॉलेज, उच्च शिक्षा विभाग के महाविद्यालय, आदि
- अर्ध सरकारी संस्था – प्रशिक्षण प्रदाता संस्थाएं यथा क्रिस्प, IGTR, निफ्ट, एटीडीसी,
भारत संचार निगम लिमिटेड, आदि
- निजी संस्थाएं - सेक्टर स्किल काउंसिल से एफिलिऐटेट निजी प्रशिक्षण प्रदाता अनुभवी
संस्थाएं
प्रशिक्षण-उपरांत रोजगार प्रदान करने का प्रावधान
- कुल प्रशिक्षित में से कम से कम 70 प्रतिशत को वैतनिक अथवा स्वरोजगार उपलब्ध हो। वैतनिक
रोजगार की स्थिति में प्रशिक्षणार्थी के उत्तीर्ण होने के उपरांत तीन माह के भीतर मध्यप्रदेश
में अर्द्धकुशल मजदूर को मिलने वाले न्यूनतम मजदूरी के बराबर वेतन मिलना चाहिए। स्वरोजगार
के मामलो में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाता को उद्यम के रजिस्ट्रेशन का प्रमाण पत्र,
यदि किसी शासकीय योजना के तहत प्रकरण स्वीकृत हुआ है तो उसका स्वीकृति पत्र तथा अर्जित
आय का प्रमाण पत्र के लिए बैंक खाते का विवरण जमा करना होगा।
- शासकीय संस्थाओं के माध्यम से संचालित प्रशिक्षण के परिप्रेक्ष्य में प्रशिक्षणार्थियों
के नियोजन का कार्य समग्र रूप से एमपीएसएसडीएम एवं रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा कराया
जायेगा।
- एमपीएसएसडीएम एवं रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा प्रशिक्षणार्थियों के प्लेसमेंट के पश्चात्
मॉनीटरिंगकी व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। एनएसडीसी से सम्बद्ध व्यावसायिक प्रशिक्षण
प्रदाता द्वारा प्रशिक्षण के उपरांत प्रशिक्षित व्यक्तियों की तीन माह तक निगरानी करेगा
कि वे लाभदायक रोजगार से जुडे हुए है अथवा वे प्रतिष्ठान में अपना काम लाभदायक ढंग
से कर रहे है। व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाता निर्धारित अंतराल पर व्यक्तियों की स्थिति
व उनके वेतन/आय की जानकारी पेर्टल पर रखेगा।
स्वरोजगार हेतु प्रोत्साहन का प्रावधान
स्वरोजगार हेतु एमपीएसएसडीएम द्वारा उद्यमिता विकास सेल स्थापित किया गया है। स्वरोजगार
हेतु चयनित / इच्छुक प्रशिक्षनार्थियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा। एमपीएसएसडीएम
द्वारा स्वरोजगार हेतु विभिन्न आयामों के लिए DPR (परियोजना आवेदन रिपोर्ट) बना लिए
गए हैं। प्रशिक्षण प्रदाता नियमित रूप से जिला स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में स्वरोजगार
हेतु योजनाओं के अंतर्गत आवेदन करेंगे।
प्रशिक्षण-उपरांत प्रमाणीकरण
प्रशिक्षण-उपरांत राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप (NSQF alligned) प्रमाणीकरण का प्रावधान
है। प्रमाणीकरण का दायित्व सम्बंधित सेक्टर स्किल काउंसिल का होगा। यह प्रमाण पत्र
देश और विदेश में नौकरी करने के लिए मान्य होगा।
राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचा (एनएसक्यूएफ)
राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचा (एनएसक्यूएफ) ज्ञान, कौशल और योग्यता के स्तर के अनुसार
योग्यता के स्तर को परिभाषित करता है। कौशल के इन स्तरों को परिणामों के रूप में परिभाषित
किया जाता है, जो सीखने वाले के द्वारा औपचारिक, गैर-औपचारिक या अनौपचारिक सीखने के
माध्यम से प्राप्त किए गए हों । एनएसक्यूएफ़ एक गुणवत्ता आश्वासन का ढांचा है। यह राष्ट्रीय
स्तर पर एक एकीकृत शिक्षा और योग्यता आधारित कौशल ढांचा है जो कि व्यावसायिक शिक्षा
और व्यावसायिक प्रशिक्षण के बीच समन्वय प्रदान करेगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का भुगतान
यह सुनिश्चित किया जाएगा की कम से कम 70 प्रतिशत प्रशिक्षणार्थियों को कम-से-कम तीन
माह तक सतत् रोजगार प्रदान किये जायेंगे अन्यथा प्रशिक्षण प्रदाता को चौथी किश्त का
भुगतान ही नहीं किया जाएगा। प्रशिक्षण का सम्पूर्ण व्यय कॉमन कॉस्ट नॉर्मस के अनुसार
संबंधित संस्थाओं को एमपीएसएसडीएम द्वारा किया जायेगा। यह भुगतान विभिन्न किश्तों में
निम्न विवरण अनुसार किया जायेगा।
किश्त
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कुल लागत का प्रतिशत
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अशासकीय संस्थाओं हेतु भुगतान किश्तों का विवरण
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पहली
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30 प्रतिशत
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प्रशिक्षण बैच प्रारंभ होने के पश्चात्
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दूसरी
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30 प्रतिशत
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कम से कम 70 प्रतिशत प्रशिक्षणार्थियों का न्यूनतम 70 प्रतिशत उपस्थिति के साथ प्रशिक्षण
अवधि पूर्ण होने के उपरांत।
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तीसरी
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20 प्रतिशत
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परीक्षा में सम्मिलित में से कम से कम 70 प्रतिशत प्रशिक्षणार्थियों के प्रमाणीकरण
के उपरांत।
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चौथी
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20 प्रतिशत
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प्रमाणीक्रत प्रशिक्षणार्थियों में से कम से कम 70 प्रतिशत प्रशिक्षणार्थियों को कम-से-कम
तीन माह तक सतत् रोजगार प्रदान किये जाने के उपरांत
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